दहेज प्रताडऩा मामले में कोर्ट ने लिया प्रसंज्ञान
जयपुर ( जितेन्द्र शर्मा )। बीएसएनएल विभाग के लेखाधिकारी सत्यनारायण गुप्ता की लगातार बढ़ती हुई मुश्किलों का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। लगातार कानून के शिकंजे में फंसते जा रहे बीएसएनएल के लेखाधिकारी सत्यनारायण गुप्ता (एस.एन. गुप्ता) को दहेज प्रताडऩा के मामले में अभियुक्त मानते हुए राजधानी की एक अदालत ने उसके खिलाफ प्रसंज्ञान ले लिया है।
शहर की अपर सिविल न्यायाधीश (क.ख.) एवं महानगर मजिस्ट्रेट, क्रम-20 जयपुर महानगर अदालत ने अभियुक्त सत्यनारायण गुप्ता के खिलाफ यह प्रसंज्ञान लिया है। उधर, कोर्ट की ओर से लेखाधिकारी जैसे बड़े पद आसीन सत्यनारायण गुप्ता की सरकारी नौकरी में भी कई प्रकार की रूकावटें आने से इनकार नहीं किया जा सकता है।
ज्ञात रहे कि आरोपी सत्यनारायण गुप्ता (एस.एन. गुप्ता) राजधानी के एमआई रोड़ स्थित बीएसएनएल विभाग के प्रधान महाप्रबंधक दूरसंचार जिला (पीजीएमटीडी) जयपुर कार्यालय में लेखाधिकारी के पद पर कार्यरत था व करीब 10 माह पहले उसका तबादला बीएसएनएल कार्यालय महा प्रबंधक दूरसंचार जिला (जीएमटीडी) बांसवाड़ा में हो गया।
बहरहाल, देखना यह है कि बीएसएनएल जैसे बड़े सरकारी विभाग में राजधानी से लेकर दिल्ली तक बैठे आला अफसरों की नजर में आने के बाद भी लेखाधिकारी एस.एन. गुप्ता पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही करने से गुरेज करने वाले आला अधिकारी क्या दहेज प्रताडऩा जैसे गम्भीर अपराध में दोषी होने के बाद क्या कोई विभागीय कार्यवाही कर पायेंगे या फिर अपने विभागीय सिस्टम का हवाला देकर हमेशा की तरह बीएसएनएल विभाग उसे क्लीन चिट देगा।
यह तो सरकारी महकमें में पदासीन आरोपी के अफसर ही तय कर पाएंगे क्योंकि उनका खुद का अपना ही एक अलग सिस्टम और कानून होता है जो कि और सरकारी विभागों के सिस्टम व कानून से कहीं हद तक अलग ही नजर आता है।
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