घरेलू हिंसा प्रकरण में कोर्ट ने दिए आदेश
जयपुर (जितेन्द्र शर्मा)। राजधानी की एक निचली अदालत ने घरेलू हिंसा के मामले में बीएसएनएल के लेखाधिकारी सत्यनारायण गुप्ता की पत्नी अंतरिम अनुतोष की राहत प्रदान कर दी है। पीडि़ता को आवेदन के करीब डेढ़ वर्ष बाद शहर की महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-14 जयपुर महानगर अदालत से घरेलू हिंसा प्रकरण में यह राहत मिली है।
साथ ही कोर्ट ने आरोपी बीएसएनएल के लेखाधिकारी सत्यनारायण गुप्ता को उसकी पीडि़ता पत्नी को शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताडि़त नहीं करने, उसके साथ किसी भी प्रकार की घरेलू हिंसा कारित नहीं करने आदेश दिया है। इसके अलावा कोर्ट ने गुजारा भत्ता के लिए हर महीने 15000/- रुपए भरण पोषण के रूप में देने के आदेश जारी किए हैं।
हाईकोर्ट की दखल से मिली राहत :
गौरतलब है कि पीडि़ता के घरेलू हिंसा परिवाद पर अंतरिम अनुतोष का प्रार्थना पत्र महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-14 जयपुर महानगर ने अपने 19 जनवरी के आदेश द्वारा खारिज कर दिया था। इस आदेश को परिवादिया ने अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश, क्रम-11, जयुपर महानगर में चुनौती दी थी। इस पर भी एडीजे-11 कोर्ट ने भी उसकी अर्जी 21 मई 2015 को खारिज कर दी थी। उसके बाद पीडि़ता ने दोनों आदेशों को एकलपीठ दांडिक निगरानी याचिका के तहत हाईकोर्ट में चुनौती दी। इस पर हाईकोर्ट ने दोनों अधीनस्थ न्यायालयों के आदेशों को खारिज करते हुए निचली अदालत को विधी अनुसार निर्णय पारित करने के आदेश दिए थे। उसके बाद महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-14, जयपुर महानगर ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया है।
यह आदेश दिया अदालत ने :
अदालत ने अपने आदेश मे कहा कि ”प्रत्यर्थी प्रार्थीया को शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताडि़त नहीं करे एवं प्रार्थीया के साथ किसी प्रकार की घरेलू हिंसा कारित नहीं करे तथा न ही अन्य किसी दीगर व्यक्ति से करावे एवं प्रत्यर्थी सत्यनारायण को आदेश दिया जाता है कि वह सभी मदों के पेटे आदेश की दिनांक 17 दिसंबर से प्रतिमाह 15,000/- रुपए अदा करेगा। प्रत्यर्थी सत्यनारायण प्रत्येक माह की 5 तारीख तक प्रार्थीया को 15,000/- रुपए मासिक अंतरिम भरण-पोषण के रूप में प्रदान करेगा, उक्त अदायगी की जिसकी रसीद प्रार्थीया प्रत्यर्थी को देगी। आदेश की प्रति पक्षकारों व सम्बन्धित थानाधिकारी को नि:शुल्क उपलब्ध करवाई जावे।”
क्या है मामला :
चित्रकूट, वैशाली नगर निवासी महिला अनु गुप्ता ने मारपीट कर घर से बाहर निकलने, उसके नाम आवंटित मकान से बेदखल करने का प्रयास करने और घरेलू हिंसा कारित करने के संबंध में पति एवं बीएसएनएल विभाग के महाप्रबंधक दूरसंचार जिला (जीएमटीडी) बांसवाड़ा में कार्यरत लेखाधिकारी सत्यनारायण गुप्ता (एस.एन. गुप्ता) के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया था।
पीड़िता ने यह मामला शहर की महानगर मजिस्ट्रेट क्रम संख्या-14 जयपुर महानगर में जुलाई 2014 में दर्ज कराया था। जिसमें हाईकोर्ट की दखल के बाद निचली अदालत ने अंतरिम अनुतोष की राहत दी है।
बहरहाल, देखना यह है कि कोर्ट, कानून, पुलिस और प्रशासन को अपनी जेब में रखने वाला व कोर्ट के आदेश की अवमानना करने वाला बीएसएनएल का लेखाधिकारी सत्यनारायण गुप्ता क्या कोर्ट के इस आदेश की पालना कर अपनी पत्नी का भरण पोषण करने की जिम्मेदारी उठायेगा या फिर पहले की तरह फिर जजों के खिलाफ मोर्चा खोलकर न्यायपालिका से लड़ाई का ऐलान करेगा। यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
आपको बता दें कि इसी घरेलू हिंसा प्रकरण में 3 सितंबर 2014 को भी कोर्ट ने पत्नी का इलाज कराने का लेखाधिकरी सत्यनारायण गुप्ता को आदेश दिया था जिसकी पालना तो दूर की बात, कोर्ट की ओर से वसूली/गिरफ्तारी वारंट जारी होने पर उल्टे मजिस्ट्रेट के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया था।
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